अपनी औकात में रहकर सर्च करें (दम है तो क्लिक करो) – Yadav ko kabu kaise kare?

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yadav ko kaise kabu kare? यादवों को काबू में कैसे करें? यादवों को काबू करना नामुमकिन है यादव को काबू में करना क्यों नामुमकिन है यह आप आर्टिकल को पढ़कर समझ जाएंगे, यादव समुदाय के सर्वश्रेष्ठ इतिहास का वर्णन हम इस आर्टिकल में बताएंगे, और आपका यह सवाल यहीं पर खत्म हो जाएगा की यादवों को काबू में कैसे करें?

Yadav Ko Kabu Kaise kare?

यादव को काबू कैसे करें? अगर आप का सवाल है, तो आपको यादवों के इतिहास को जानने की जरूरत है, आप समझ जाएंगे कि यादवों को काबू करना नामुमकिन क्यों है, यादव हमेशा से ही पराक्रमी और स्वतंत्रता प्रिय जाति मानी जाती है, यादव जाति को यदुवंशियों और अहीर कहकर से भी जाना जाता है, महाराज यदु से यादवों की शुरुआत हुई महाराज यदु से ही इनका नाम यदुवंशि पड़ा, अहीर शब्द संस्कृत शब्द के आभीर शब्द से निकला है जिसका अर्थ होता है निडर।

Up walo ko kaise kabu karen

अपनी औकात में रहकर सर्च करें (दम है तो क्लिक करो) – Rajput Ko kabu Kaise Kare

दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, यूपी में इन्हें राव साहब नाम से भी पुकारा जाता है, भारत की कुल आबादी में 22% आबादी यादवों की है, भारत का 12.7 प्रतिशत व्यापार भी यादव जाति के लोगों द्वारा होता है, नेपाल श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, रसिया और मेडलिस्ट में भी यादव लोग रहते हैं, यादवों ने राजनीति, इतिहास, विज्ञान, सैन्य, अर्थशास्त्र, खगोल विज्ञान में बहुत ज्यादा योगदान दिया है, यादवों को हिंदू धर्म में क्षत्रिय श्रेणी प्राप्त है, यादवों ने बहुत सालों तक अपना साम्राज्य नेपाल और भारत में फैलाए रखा था, यादवों के बहुत सारे साम्राज्य के अंश आज भी पाए जाते हैं, दक्षिण भारत के कई प्राचीन मंदिरों का निर्माण भी यादवों ने ही किया था, यादवों के राजवंश का विक्रमशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के उत्कर्ष में बहुत योगदान है, यादवों ने और उनकी अजय नारायणी सेना ने महाभारत में भी अपने बेजोड़ सोर्य का जलवा बिखेरा था, यादव समाज की ताकत का अंदाजा आप यह जानकर लगा सकते हैं की प्राचीन समय में बहुत सारे राज्यों के सेनापति केवल यादव/अहीर ही बन सकते थे अर्थात यह पद यादवों के लिए आरक्षित था।

Muslim ko kaise kabu kare

सन 1739 में ईस्ट इंडिया कंपनी यानी अंग्रेजो के खिलाफ सर्वप्रथम तमिलनाडु के अलमुतुकोंन ने विद्रोह किया जिसमें वह वीरगति को प्राप्त हो गए, इसके बाद सन 1848 में हरियाणा के राव गोपाल देव अकेले 28 अंग्रेजो को मार गिराया, 10 मई 1857 में स्वतंत्रता संग्राम में यादवों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया, ऐसे ही बहुत सारे युद्धों में यादव वर्षों के बहुत सारे लोगों ने भाग लिया और अपने बेहतरीन सोर्य का परिचय दिया,
संसार के महान जातियों में से एक यादव वंश बहुत विशाल है।

यादवों की उत्पत्ति कैसे हुई?

इसके लिए सभी इतिहासकारों के अलग-अलग मत पाए जाते हैं, यादवों के अस्तित्व की अनुभूति महाभारत और श्री मद्भागवत गीता में मिलते हैं, सतयुग में इन्हें आभीर अहीर गोप ग्वाला के नाम से जाना जाता था कुछ विद्वान मानते हैं कि इनका अस्तित्व आर्यों से भी पहले का है, ऐसा माना जाता है कि अहीर अथवा यादव यदुवंशी राजा आहू के वंश से है, पुराने समय के राजा ययाति की दो पत्नियां थी, जिनका नाम देवयानी व शर्मिष्ठा देवयानी था, जिनमें देवयानी का एक पुत्र हुआ, जिसका नाम यदु रखा गया और आगे चलकर यदु के वंश का नाम यदुवंश पड़ गया, आजकल हम इसे यादव नाम से जानते हैं।

Conclusion :-
yadav ko kabu kaise kare?

आज के इस आर्टिकल में हमने यादवों/अहिरो के समुदाय से जुड़े इतिहास और उनके सोर्य के बारे में जाना, जिस तरह का इतिहास यादवों का रहा है उसको देखकर और पढ़ कर हम कह सकते हैं कि यादवों को काबू में करना नामुमकिन है।

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