नमस्कार दोस्तों, आप सभी का स्वागत है हमारे एक नए आर्टिकल में जिसमें आपको लॉरेंस बिश्नोई से संबंधित हर छोटी से छोटी और हर बड़ी से बड़ी जानकारी दी जाएगी। हम जानेंगे उनके बारे में जो कि आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं की क्यों लॉरेंस बिश्नोई का नाम इतनी सुर्खियों में है तो आईए जानते है कि वह कहां से संबंध रखते हैं और उनका चर्चा में आना किस विषय का कारण है और उसके साथ ही हम जानेंगे बिश्नोई समाज के बारे में जिससे वह संबंधित है।
कौन है लॉरेंस बिश्नोई?
दोस्तों जैसे कि आपने नाम सुनाई है लॉरेंस बिश्नोई तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि वह किस गांव या शहर से संबंध रखते हैं। उनसे जुड़ी हर जानकारी हम आपको हमारे आर्टिकल के माध्यम से बताने की कोशिश करेंगे।
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म :-
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म फरवरी की 12 तारीख को 1993 को हुआ था और उनका जन्म स्थान दुतारावली नामक गांव माना जाता है जो कि फ़ाज़िल्का ज़िले पंजाब में स्थित है। यह गांव राजस्थान और पंजाब के बॉर्डर पर स्थित है। लॉरेंस बिश्नोई का नाम बलकरन बरार है जो बाद में बदलकर लॉरेंस बिश्नोई पड़ा। आज के समय में हर व्यक्ति उन्हें उनके वर्तमान नाम लॉरेंस से ही पहचानता है। यह एक क्रिश्चियन शब्द है जिसका मतलब है चमकता हुआ सफेद, यह नाम उनका उनकी माता जी के द्वारा रखा गया क्योंकि वह बचपन से ही गोरे रंग के रहे हैं। बहुत प्रभावशाली व्यक्तित्व के व्यक्ति इनको माना जाता है।
लॉरेंस बिश्नोई के माता-पिता:-
लॉरेंस बिश्नोई की माता का नाम श्रीमती ममता देवी है तथा उनके पिता का नाम श्री है। लॉरेंस बिश्नोई के पिताजी हरियाणा पुलिस में बकांस्टेबल के पद पर कार्य कर चुके हैं उसके बाद उन्होंने खेती से नाता जोड़ लिया और वह खेती बाड़ी करने लगे।
लॉरेंस बिश्नोई की शिक्षा :-
लॉरेंस बिश्नोई ने शिक्षा के रूप में L.L.B की डिग्री प्राप्त की हुई है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अबोहर के ही एक विद्यालय में प्राप्त की है जहां वह 12वीं कक्षा तक पढ़े हैं। इसके बाद 2010 में उन्होंने DAV कॉलेज में दाखिला लिया जो कि चंडीगढ़ में स्थित है और इसके पश्चात L.L.B की तैयारी के लिए उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और वहां पढ़ते समय ही वह छात्र राजनीति में कार्यरत हुए। अपने कॉलेज के समय में ही उनकी मुलाकात स्टूडेंट यूनियन के लीडर गोल्डी बरार से हुई जो कहीं ना कहीं अपराधों में शामिल थे।
जब इनके द्वारा स्टूडेंट यूनियन को ज्वाइन कर लिया गया तो उसके बाद इन्होंने अपना एक संघ बनाया जिसका नाम आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) रखा गया। यह ऑर्गेनाइजेशन बनने के बाद ही इन्होंने यूनिवर्सिटी चुनाव में भाग लिया।
धीरे-धीरे हुए छात्र राजनीति में प्रवेश करते हुए ही वह छात्र संघ के अध्यक्ष बन गए। कॉलेज के समय में ही उन पर पहला मुकदमा हुआ जिसके बाद वह इसी क्षेत्र में आगे बढ़ते गए और उनका नाम इतना प्रचलित हो गया कि हर कोई उनके विषय में जानने का इच्छुक होने लगा।
लॉरेंस बिश्नोई के मुकदमे:-
लॉरेंस के खिलाफ कुल 79 मुकदमे दर्ज है। इनके मुकदमों का सिलसिला उनके छात्र राजनीति संघ में हिस्सा लेने के बाद ही शुरू हुआ उनका सबसे पहला मुकदमा 2010 से 2012 के आसपास माना जाता है जिसके लिए उन्हें बरी कर दिया गया था। यह मुकदमा छात्र संघ के चुनाव के दौरान उन पर बना था क्योंकि उनके द्वारा विपक्ष में चुनाव लड़ रहे PUSU ग्रुप के मेंबर पर गोली चला कर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई थी। 2013 तक उन पर काफी सारी FIR दर्ज हो चुकी थी। इनके द्वारा अनेक हत्याकांड, लूटपाट, डकैती तथा हथियारों की तस्करी जैसे कार्य किए गए। इस समय तक वह एक कुख्यात गेंगस्टर के रूप में पहचाने जाने लगे और इस क्षेत्र में उनका नाम चलने लगा। इनके द्वारा अनेक गिरोह तथा तस्करों को काफी सुविधा दी गई है।
इनके लिए एक तथ्य यह भी माना जाता है कि कॉलेज के समय में इनकी कोई दोस्त रही जिसके कारण ही यह आपराधिक मामलों में शामिल हुए ऐसा माना जाता है कि किसी गिरोह के द्वारा उसे लड़की की हत्या कर दी गई और बदला लेने के लिए लॉरेंस बिश्नोई ने इस क्षेत्र में कदम रखा। यह बात कितनी सत्य है और कितनी झूठ इस बारे में कहना मुश्किल है।
लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह में एक से एक बढ़कर शार्प शूटर शामिल है तथा उनके द्वारा ऐसे व्यक्तियों को बढ़ावा दिया जाता है जो हथियार रखना और उनको चलाने में रुचि रखते हैं। इनके गिरोह से संबंध रखने वाले शूटर देश के विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं जिनका नेटवर्क दुनिया भर में है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या का मामला।
लॉरेंस बिश्नोई के आपराधिक मामलों में सबसे बड़े मामलों में से एक है बाबा सिद्दीकी की हत्या का आरोप। बाबा सिद्दीकी जो कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री थे उनकी हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के द्वारा ही ली गई है। ऐसा माना जाता है कि इस हत्या के लिए जो शूटर शामिल है उन्होंने अपराध के क्षेत्र में नया कदम ही रखा था क्योंकि वह सामान्य स्तर के ही व्यक्ति थे तथा बाबा सिद्दीकी की हत्या करने से पहले उन्होंने रायगढ़ के एक झरने के पास पेड़ पर गोली चलाकर अभ्यास भी किया था। पुलिस की जांच पर यह पाया गया कि वहां के एक पेड़ पर 5 से 10 गोलियां चलाई हुई है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या उनके बेटे के ऑफिस के बाहर गोली मारकर की गई। लॉरेंस गैंग ने इस हत्या के कारण का संबंध बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान से बताया। इस हत्या के पश्चात सलमान खान को भी हत्या की धमकियां दी जाने लगी। बाबा सिद्दीकी की हत्या जिन शार्प शूटर के द्वारा की गई थी उनका संपर्क लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के साथ बताया जा रहा है क्योंकि हत्या करने से पहले उनकी बातचीत लॉरेंस के भाई से स्नैपचैट के द्वारा हुई।
सलमान खान को लॉरेंस बिश्नोई द्वारा धमकी क्यों दी गई?
लॉरेंस बिश्नोई द्वारा सलमान खान की हत्या के लिए कई साजिश रची गई है जिनमें से एक उन्होंने बाबा सिद्दीकी की मौत के समय 2018 में ही बनाई थी परंतु उस समय उनका शार्प शूटर पुलिस द्वारा पकड़े जाने के कारण वह अपनी इस साजिश में कामयाब नहीं हो पाए तथा इसके बाद 2020 में सलमान खान की हत्या करने के लिए किसी शूटर को मुंबई भेजा गया परंतु लॉकडाउन लग जाने के कारण यह योजना भी स्थगित हो गई।
सलमान खान को धमकी देने तथा उनकी हत्या करने की कोशिश करने का मुख्य कारण यह है कि उनके द्वारा काले हिरण का शिकार किया गया था जिसके लिए उन पर केस हुआ तथा उनको काले हिरण के शिकार के मामले में दोषी करार दिया गया। सलमान खान को धमकी देने के पीछे यही एक सबसे बड़ा कारण है क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई ‘बिश्नोई समाज’ से संबंध रखते हैं और बिश्नोई समाज में हर प्रकार के जीव जंतु को उतना ही प्रेम किया जाता है जितना कि वे अपनी संतान से करते हैं। काले हिरण के शिकार करने पर बिश्नोई समाज ने सलमान खान के प्रति काफी नाराजगी व्यक्त की क्योंकि बिश्नोई समुदाय एक ऐसा समुदाय है जो जीव जंतुओं की रक्षा तथा संरक्षण के लिए जाना जाता है।
लॉरेंस केवल इतना चाहते थे कि सलमान इस विषय पर सार्वजनिक रूप से माफी मांग ले परंतु उनके द्वारा माफी न मांगने पर यह मामला बढ़ता ही चला गया। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि लॉरेंस बहुत बड़े पर्यावरण प्रेमी है क्योंकि केवल एक हिरण के शिकार के लिए उन्होंने इतने बड़े अभिनेता को हत्या की धमकी तक दे डाली है।
कौन है बिश्नोई समाज?
बिश्नोई समाज एक ऐसा समाज है जहां वृक्ष तथा जीव जंतुओं की रक्षा के लिए प्राण तक त्याग दिए जाते हैं। बिश्नोई समाज के गुरु ‘गुरु जंभेश्वर भगवान’ को माना जाता है।
इनको हम विश्व के पहले पर्यावरण वैज्ञानिक भी मान सकते हैं क्योंकि पर्यावरण के जिन विषयों के बारे में वैज्ञानिकों ने 18वीं तथा 19वीं शताब्दी में अध्ययन किया उनके बारे में जंभेश्वर जी के द्वारा 15वीं तथा 16वीं शताब्दी में ही बता दिया गया था। इसी कारण बिश्नोई समाज ने पेड़ों तथा जानवरों को बचाने के लिए अनेकों बलिदान दिए हैं।
1730 में जोधपुर के महाराज द्वारा जब सैनिकों को खेजड़ी की लकड़ी लेने के लिए भेजा गया। वृक्षों के कटाव को रोकने के लिए अमृता देवी ने वृक्ष को चारों ओर से पकड़ लिया तथा सैनिकों से कहा कि इस वृक्ष को काटने से पहले आपको मेरी गर्दन काटनी होगी और सैनिकों ने उनकी गर्दन को धड़ से अलग कर दिया तथा इसी प्रकार उस दिन वहां पर 363 लोगों का बलिदान केवल एक वृक्ष के लिए दे दिया गया। देश में चिपको आंदोलन काफी समय बाद शुरू हुआ परंतु इससे पहले ही बिश्नोई समाज ने वृक्षों के बचाव के लिए भारी मात्रा में बलिदान दिया हुआ है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि बिश्नोई समाज एक ऐसा समाज है जहां गुरु जंभेश्वर जी के द्वारा लोगों को वृक्ष तथा जीव जंतुओं से प्रेम करना तथा उनकी रक्षा की जिम्मेदारी रखना सिखाया गया है।
Conclusion:-
इस प्रकार हमने इस आर्टिकल के माध्यम से लॉरेंस बिश्नोई के बारे में जाना और साथ ही वे जिस पर्यावरण प्रेमी बिश्नोई समाज से संबंध रखते हैं उसके विषय में भी जाना। यदि आपको यह जानकारी अच्छी तथा लाभदायक लगी हो तो इसे अपने अन्य दोस्तों के साथ सांझा अवश्य करें। यदि आपके मन में इससे संबंधित किसी भी प्रकार का कोई प्रश्न या सुझाव है तो आप कमेंट सेक्शन में कमेंट करके हमें अवश्य बताएं।
धन्यवाद।