नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सब? उम्मीद करता हूं आप सब खुश होंगे, और अपने परिवार के साथ स्वस्थ होंगे, आज के आर्टिकल में हम जानेंगे कि इंटरनेट की खोज किसने की? दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़कर आपको बहुत ही आनंद आने वाला है, इसलिए आर्टिकल को आखिर तक ध्यान से पढ़िएगा, तो चलिए दोस्तों वक्त जाया ना करते हुए, आर्टिकल को जल्द से जल्द शुरू करते हैं, और देख लेते हैं कि इंटरनेट की खोज किसने की?
आज के समय में इंटरनेट हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग बन चुका है, इंटरनेट ही एक ऐसी चीज है जिसके जरिए पूरी दुनिया आपस में जुड़ी हुई है, अगर थोड़ी समय के लिए भी इंटरनेट को बंद कर दिया जाए तो पूरी दुनिया का काम रुक जाएगा, इंटरनेट एक प्रकार का जाल है जो पूरी दुनिया में फैला हुआ है, जिसमें सारे नेटवर्क आपस में जुड़े हुए हैं, इंटरनेट एक प्रकार का ग्लोबल कंप्यूटर नेटवर्क होता है जो हमें कई प्रकार की जानकारी और संचार सुविधाएं प्रदान करने में मदद करता है।
इंटरनेट की खोज किसने की?
आपको बता दें कि सबसे पहले इंटरनेट की खोज Bob Kahn (Robert Elliot Kahn) और Vint Cerf ने की थी, इस कारण इन दोनों को ‘इंटरनेट के जनक‘ से भी संबोधित किया जाता है, उनका मानना था कि जानकारी सभी लोगों के लिए होनी चाहिए और यह मुफ्त होनी चाहिए, वो इंटरनेट के इस्तेमाल के जरिए पूरी दुनिया को बेहतर बनाना चाहते थे, वो इसके सख्त खिलाफ थे कि इंटरनेट सिर्फ किसी एक देश को मिल जाए, वह इंटरनेट जैसी बेहतरी तकनीक की सुविधा को पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचाना चाहते थे, और चाहते थे कि सब लोग इस (इंटरनेट) तकनीक का लाभ उठा पाएं।
इन दोनों ने आपस में मिलकर सन् 1978 में Internet Protocol और Transmission control Protocol की संरचना की थी, जिसे हम IP/TCP के नाम से भी जानते हैं, IP/TCP एक ऐसा प्रोटोकोल है जो यह निर्धारित करता है कि दो या दो से ज्यादा कंप्यूटर्स का आपस में संपर्क कैसे स्थापित होगा?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंटरनेट को किसी एक इंसान के द्वारा नहीं बनाया गया था, बल्कि इंटरनेट को बनाने में कई इंजीनियर, वैज्ञानिक और Programmers का हाथ था, सबसे पहले इंटरनेट की शुरुआत अमेरिकन सेना के द्वारा अमेरिकन पेंटागन के रक्षा विभाग में की गई थी, ARPANET यानि (Advance Research Project Agency) नाम का Networking Project सन् 1969 में में launch किया गया था।
सन् 1983 में ARPANET ने IP/TCP मॉडल को अपना लिया, और Data Transfer करने के लिए कई computers की सहायता से एक ऐसा नेटवर्क बनाया जिसने इंटरनेट युग की शुरुआत की।
वहीं सन् 1989 में Berners Lee ने World Wide Web (WWW) की खोज की थी, यही वो प्लेटफार्म है जिसका इस्तेमाल हम इंटरनेट को use करने के लिए कर रहे हैं, लेकिन एक बात तो है कि Bob Kahn और Vint Cerf जैसे लोगों के बिना इंटरनेट वो नही बन पाता जो आज वो है।
इसलिए किसी एक व्यक्ति को इंटरनेट का आविष्कार का श्रेय देना उचित नहीं होगा, बल्कि हमे तो उन सभी महान व्यक्तियों को इस बात का श्रेय देना चाहिए, जिनकी कड़ी मेहनत की बदौलत के कारण आज हम इंटरनेट जैसी चीज का उपयोग कर पा रहे हैं।
Internet की फुल फॉर्म क्या है?
इंटरनेट की फुल फॉर्म ‘Interconnected Network‘ होती है।
इंटरनेट क्या है? What is the Internet?
अगर आप ‘इंटरनेट क्या है‘ यह सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि इंटरनेट को आप अलग-अलग computer networks का एक विश्व स्तरीय समूह (नेटवर्क) कह सकते हैं, इस नेटवर्क में हजारों और लाखो कंप्यूटर एक दुसरे से जुड़े हुए होते हैं, साधारणत: कंप्यूटर को टेलीफोन लाइन के जरिए इंटरनेट से जोड़ा जाता है, और ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ पाए।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंटरनेट को हिन्दी में “अंतरजाल” कहा जाता है जिसका मतलब Networks का एक ऐसा जाल होता है, जिससे बहुत सारे Computers को आपस में जोड़ा जा सके, इंटरनेट आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गया है, इंटरनेट के पीछे बहुत सारी प्रक्रियाएं चलती रहती हैं, तभी जाकर हम इंटरनेट की सेवाओं को प्राप्त कर पाते हैं, असल में इंटरनेट एक तार या wire होता है, या यूं कहे की बहुत सारी तारें या wires होते हैं, जिन्हें पूरी दुनिया भर में बिछाया जाता है, और इन तारों की connections की वजह से ही दुनिया भर में इंटरनेट चल पाता है।
दोस्तों इंटरनेट एक ऐसी तकनीक है जो कि बहुत ही कीमती है, अगर हम चाहे तो इस तकनीक का इस्तेमाल सही के लिए भी कर सकते हैं और हम चाहें तो इसका इस्तेमाल गलत के लिए भी कर सकते हैं, यह सब कुछ हमारे ऊपर ही निर्भर करता है।
आज हम लगभग सभी कामों को करने के लिए Internet पर निर्भर हो गए है, और यही सच है।
भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई थी?
भारत में इंटरनेट को सबसे पहले सन् 1986 में launch किया गया था, लेकिन सार्वजनिक रूप से इंटरनेट सेवाओं को भारत में 15 अगस्त, 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा शुरू किया गया था, नवम्बर 1998 में, सरकार ने निजी ऑपरेटरों द्वारा इंटरनेट सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र को खोला था।
साल 2017 में आई रिपोर्ट के अनुसार भारत में 767 million लोगों द्वारा इंटरनेट इस्तेमाल किया जाता है, इसका अर्थ यह है कि भारत के Total Population के 35% लोग इंटरनेट को इस्तेमाल करते हैं, जियो (Jio) के आने के बाद भारत में इंटरनेट का usage पहले से भी ज्यादा बढ़ गया है।
भारत में इंटरनेट की शुरुआत कहां हुई थी?
दोस्तों अगर आप यह जानना चाहते हैं कि भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई थी? तो आपको बता दें कि भारत में इंटरनेट की शुरुआत सबसे पहले सबसे पहले कोलकाता में हुई थी, यहीं पर इंटरनेट का सबसे पहले आम इस्तेमाल किया गया था, और संचार के इस तीव्रतम साधन को आम लोगों तक पहुंचाया गया था।
आपको बता दें की इंटरनेट की सेवाओं की शुरुआत विदेश संचार निगम लिमिटेड ने की थी, परंतु अब इसका नाम बदल गया है, और अब यह सरकारी कंपनी से स्वायत्त कंपनी बन चुकी है।
Conclusion:-
तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल, आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि इंटरनेट की खोज किसने की? इंटरनेट क्या होता है? इसके साथ-साथ हमने और भी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में चर्चा की है जैसे कि भारत में इंटरनेट की खोज कब हुई? भारत में इंटरनेट की खोज कहां हुई?
दोस्तों हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है कि हम आपकेसामने संपूर्ण और सही जानकारी विस्तार पूर्वक तरीके से रखें, और आपको आपके हर सवाल का जवाब मिल पाए, अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है और हमारे द्वारा आर्टिकल में दी गई जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने दोस्तों और करीबियों के साथ जरूर शेयर करना।
उम्मीद करता हूं कि आपको सब कुछ सही समझ आया होगा, और आपने अच्छे से जान लिया होगा कि इंटरनेट की खोज किसने की? और अगर आपको अब भी कुछ समझ नहीं आया है या आपका कोई सवाल बाकी रह गया है, तो आप आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं, हम आपके कमेंट का जवाब देने की जल्द से जल्द कोशिश करेंगे।
आज के लिए इतना काफी होगा, अब हम मिलेंगे किसी नए आर्टिकल में नए टॉपिक के साथ।
जय हिंद, जय भारत।